.......सभी दोस्तो को होली की अग्रिम हार्दिक बधाईया.............
खा गालियाँ गिन नाले बनते बड़े छोटी होती नालियों से क्या उलझना
-
*१९४७ और उससे पहले का देखा नहीं कुछ भी कही बस कुछ पढ़ा कुछ सुना*
*किससे सुना ये ही मत पूछ बैठना दिखा बना बैठा कुछ तुनतुना कुछ भुनभुना*
*नहीं देखा ना...
8 hours ago
बधाई वैसे जल्दी क्या है चुनाव के फल आने तक तो रुक जाते :)
ReplyDeleteReally nice? keep up the work..
ReplyDelete