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Monday 20 June 2011

मेरे दिल की आवाज

हमारा देश दुसरे  देशो  की अपेछा इस लिए वोह इस लिए पीछे नहीं है की हमारे देश में टेलेंट की कमी है हमारे देश में ही सबसे ज्यादा इंजिनिअर और डॉक्टर बनते है लेकिन हमारे देश में उनको हमारे देश में अमेरिका जैसे देशो की तरह उनको अच्छी तरह से न तो उनको सिखाया जाता है यह बात नहीं है की हमारे देश में पैसो की
कमी है लेकिन सिच्छा के लिए सबसे कम बजट दिया जाता है हा अगर आतंकियो की बात करे तो पैसा तो उन पर पानी की तरह बहाया जाता है जैसे वोह भगवान हो लेकिन अगर कहा जय की जितना पैसा एक साल में आतंकियो की सुरछा पर बहा दिया जाता है उसका आधा पैसा केवल सिच्छा के वाजत में जोड़ दिया जाये तो सायद सिच्छा का स्तर और उचा उठाया  जा   सकता है हा लेकिन जब हमारे देश के नेताओ को लेकिन जब हमारे देश के नेताओ को अपनी जेब भरे से भुर्सत मिले तब न और दूसरी तरफ जापान को देखो हमारे देश से ज्यादा तकनीक बिकसित कर रहा है वोह इस लिए क्योकि वहा के लोग आलसी नहीं है भारतेंदु हरिश्चंद्र ने कहा है की बहकते हुए टाट्टूओ को देखो जो समय के साथ चलते है हमारे देश के लोग रेल गाड़ी के डिब्बो के सामान है जो अगर इंजन चलता रहा तो वोह चलते रहेगे अगर इंजन बंद तो वोह भी रुक जायेगे अर्थात हमारे देश को एक सच्चे और इमानदार लीडर की जरुरत है जो जो इन डिब्बो का इंजन बन सके लकिन हमारे देश में अच्छे लोगो की कदर कहा है अगर कोई आवाज उठाता भी है  तो या तो उसकी आवाज बंद कर दी जाती है या भीर उसे मार दिया जाता है भगवान् ही भला  करे इस देश का अगर यही हाल रहा तो वोह दिन दूर नहीं जब आजाद इंडिया आजाद नहीं रहेगा वैसे अभी भी कहा आजाद है जो नाम मात्र का है भी वोह भी नहीं रहेगा अगर नहीं संछा इंडिया जल्दी से और हमारी आने वाली पीढ़ी फिर गुलाम होगी सोच कर ही भयानक लगता है सुभास और गाँधी जी यही सोचते  होगे की हमने इन गुलामो को बिना मतलब आजादी के लिए इतनी मेहनत की  यह आजादी में जीना ही नहीं चाहते तो आजादी इनके किश काम की वोह भी यह दिन देख कर खुस बिलकुल नहीं होगे सोचते होगे भगवान् इन्हें सैट बुद्धि दे
भगवान् ही इनका भला करे

2 comments:

  1. बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! उम्दा प्रस्तुती!

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  2. श्याम स्मृति The world of my thoughts ---URL...http://shyamthot.blogspot.com

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